Zindagi mein kabhi khushi hoti hai, toh kabhi gham bhi. Jindagi Shayari humare jazbaat ko shayari ke zariye behtareen tareeke se bayan karti hai. Har pal, har lamha ek nayi kahani ke jaise hota hai, jisme humein seekhne ko milta hai, aur apne jazbaat ko express karna asaan hota hai. Shayari se hum apni udaasi, khushi, aur pyaar ko zinda rakh sakte hain.
Agar aap bhi apne jazbaat ko shayari ke zariye dikhana chahte hain, toh Jindagi Shayari ek khoobsurat tareeka hai jo aapke dard aur khushi ko ek nayi roshni deta hai.
अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी जिंदगी,
सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ।
कितना मुश्किल है जिंदगी का ये सफर,
खुदा ने मरना हराम किया लोगों ने जीना।
जीने का हौसला कभी मरने की आरज़ू,
दिन यूं ही धूप-छांव में अपने भी कट गए।
छोटी सी जिंदगी है अरमान बहुत है,
हमदर्द नहीं कोई इंसान बहुत है,
दिल का दर्द सुनाए तो किसको,
जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत है।
जिंदगी की सबसे बड़ी हार,
किसी की आंखों में आंसू आपकी वजह से
और जिंदगी की सबसे बड़ी जीत,
किसी की आंसू में आंसू आपके लिए।
जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है,
कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है,
पर जो हर हाल में खुश रहते हैं,
जिंदगी उनके आगे सिर झुकाती है।
अब समझ लेता हूं मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,
हो गया है जिंदगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा।
छोटी सी है जिंदगी हंस के जियो,
भुला के सारे ग़म दिल से जियो,
उदासी में क्या रखा है मुस्कुरा के जियो,
अपने लिए न सही अपनों के लिए जियो।
फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की,
जैसे ये ज़िंदगी, ज़िंदगी नहीं, कोई इल्जाम है।
सपनों की मंज़िल पास नहीं होती,
जिंदगी हर पल उदास नहीं होती।
कितना दुख है इस जीवन में,
सब कुछ तो अब देख लिया,
नाराज हुआ था मैं दुनिया से,
अब खुद से ही मैं रूठ गया!
जिंदगी में सारा झगड़ा ही ख्वाहिशों का है,
ना तो किसी को गम चाहिए
और ना ही किसी को कम चाहिए।
कल न हम होंगे न कोई गिला होगा,
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिलसिला होगा,
लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें,
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।
ये ना पूछो, कि ये जिंदगी ख़ुशी कब देती है?
क्योंकि ये शिकायत उसे भी है,
जिसे ये जिंदगी सब देती है।
हंसकर जीना ही दस्तूर है जिंदगी का,
एक यही किस्सा मशहूर है जिंदगी का।
आज फिर वक़्त निकला था मेरे ख्वाहिश पूरे करने की,
फिर अचानक ज़िम्मेदारी आड़े आ गयी।
सबक वो हमको पढ़ाए हैं जिंदगी ने
कि हुआ था जो इल्म किताबों से वो भी भूल गए।
लम्हों की खुली किताब है जिंदगी,
ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं जिंदगी,
कुछ ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी,
इन्ही सवालों के जवाब हैं जिंदगी।
हासिल-ए-जिंदगी हसरतों के सिवा और कुछ भी नहीं,
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं।